Rumored Buzz on Shodashi
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The power stage in the course of the Chakra shows the highest, the invisible, as well as the elusive Middle from which your entire figure Bhandasura and cosmos have emerged.
चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं
Goddess is commonly depicted as sitting down on the petals of lotus that may be stored over the horizontal human body of Lord Shiva.
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
This mantra is surely an invocation to Tripura Sundari, the deity becoming addressed With this mantra. It's really a ask for for her to fulfill all auspicious wishes and bestow blessings on the practitioner.
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
The Mantra, However, can be a sonic illustration of the Goddess, encapsulating her essence via sacred syllables. Reciting her Mantra is considered to invoke her divine existence and bestow blessings.
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
Goddess Tripura Sundari is also depicted for a maiden putting Shodashi on brilliant scarlet habiliments, dark and very long hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.
हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ